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उड़ान रंगों की -

रंग उड़ने-उड़ाने की जब बात होती है तो अनायास ही होली का त्योहार नज़रों के सामने अठखेलियां करने लगता है। इन दिनों होली का त्योहार करीब है तो ऐसे में रंगों की बात करना जायज़ भी है। भावनाओं की उड़ान अगर शबाब पर हो तो रंगो को धागों में बांध कर खुले आसमान में उड़ाने का एहसास ही किसी कलाकार को पतंग विषय पर काम करने को प्रेरित कर सकता है।



ऐसी ही एक वरिष्ठ कलाकार हैं "रागिनी सिन्हा"। रागिनी जी को मैं लगभग 30 वर्षों से करीब से जनता हूँ । उनका कला जीवन इससे भी वर्षों पुराना है। मैने उनकी मशरूम श्रृंखला के चित्रों को भी देखा है। अब नए श्रृंखला के साथ सफेद कैनवास पर पतंग और रंगों की अठखेलियां वाकई कलाकार को सुखद एहसास देता होगा। पतंग पर बारीक़ लकीरों से उकेरी गई मधुबनी चित्र की आभासी रचना पतंग के धागों सी प्रतीत होती है जो उनके चित्रों को नया आकर्षण प्रदान करती है ।


8 मार्च से 23 मार्च तक रागिनी जी की ऑनलाइन एकल प्रदर्शनी का आयोजन Color n Space Artist Studio अपने वेबसाइट एवं सोसल मीडिया के विभिन्न मंच पर कर रही है। संभवतः यह उनकी प्रथम ऑनलाइन एकल प्रदर्शनी है। मुझे पूरी उम्मीद है उनकी कृतियां दर्शकों को आकर्षित करेंगी। Urbantaga और Yellowgreen के सहयोग से आयोजित इस प्रदर्शनी में कुल 21 नवीनतम ड्रॉइंग्स एवं पेंटिंग्स को प्रदर्शित किया गया है।

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